## उम्मा मूवी रिव्यू: हॉरर या साइकोलॉजिकल थ्रिलर? (Umma Movie Review: Horror Ya Psychological Thriller?)
## उम्मा (Umma) - हिंदी फिल्म समीक्षा (Hindi Movie Review)
**कहानी (Kahani - Story)**
उम्मा अमेरिका में रहने वाली अमंदा (Amanda) की कहानी है। वह अपनी बेटी क्रिसी (Chrissy) के साथ एक शांत खेत में रहती हैं। अतीत के दर्दनाक अनुभवों को भुलाकर नया जीवन शुरू करने की कोशिश में है। मगर एक दिन अमंदा को उसकी मां की राख मिलती है। इसके बाद अमंदा की जिंदगी में अजीब घटनाएं होने लगती हैं। उसे लगता है कि उसकी मां की आत्मा वापस आ गई है और उसका पीछा कर रही है। क्या ये सिर्फ अमंदा के ख्याल हैं या सचमुच कोई भयानक चीज़ है?
**सकारात्मक पहलू (Sakaratmak Pahalu - Positives)**
* **सामान्था जैकब्स (Samantha Jackson) का अभिनय (Abhinay):** सामंथा जैकब्स ने अमंदा के किरदार में शानदार अभिनय किया है। उन्होंने एक परेशान मां की भावनाओं को बखूबी पर्दे पर उतारा है।
* **मनोवैज्ञानिक थ्रिलर (Manovaigyanik Thriller):** फिल्म एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर है जो दर्शकों को कौतूहल में बनाए रखती है। आखिर सच क्या है और क्या ख्याल, ये फिल्म देखते समय समझ पाना मुश्किल है।
* **कोरियाई लोककथा (Koriyai Lok Katha):** फिल्म कोरियाई लोककथा पर आधारित है जो कहानी में एक अलग आयाम जोड़ती है।
**नकारात्मक पहलू (Nafratmak Pahalu - Negatives)**
* **धीमी गति (Dhimi गति - Slow Pace):** फिल्म की गति थोड़ी धीमी है। शायद कुछ दर्शकों को ये फिल्म थोड़ी खींची हुई लग सकती है।
* **कम डर (Kam Dar - Less Scary):** हॉरर फिल्म होने के बावजूद ये फिल्म ज्यादा डरावनी नहीं है। फिल्म में जम्प स्केयर (छाया हुआ डर) का कम इस्तेमाल किया गया है।
**अंतिम निर्णय (Antiim Nirnay - Final Verdict)**
उम्मा एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्म है। फिल्म में सामंथा जैकब्स का अभिनय और कोरियाई लोककथा पर आधारित कहानी दर्शकों को अपनी ओर खींचती है। लेकिन फिल्म की धीमी गति और कम डरावनापन इसकी कमजोर कड़ी है।
अगर आप एक तेज रफ्तार वाली हॉरर फिल्म देखना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सही फिल्म नहीं हो सकती है। लेकिन, अगर आप एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर पसंद करते हैं और आपको धीमी गति वाली फिल्में पसंद हैं, तो आपको उम्मा पसंद आ सकती है। म्मा (Umma) - हिंदी फिल्म समीक्षा (Hindi Movie Review)
कहानी (Kahani - Story)
उम्मा अमेरिका में रहने वाली अमंदा (Amanda) की कहानी है। वह अपनी बेटी क्रिसी (Chrissy) के साथ एक शांत खेत में रहती हैं। अतीत के दर्दनाक अनुभवों को भुलाकर नया जीवन शुरू करने की कोशिश में है। मगर एक दिन अमंदा को उसकी मां की राख मिलती है। इसके बाद अमंदा की जिंदगी में अजीब घटनाएं होने लगती हैं। उसे लगता है कि उसकी मां की आत्मा वापस आ गई है और उसका पीछा कर रही है। क्या ये सिर्फ अमंदा के ख्याल हैं या सचमुच कोई भयानक चीज़ है?
सकारात्मक पहलू (Sakaratmak Pahalu - Positives)
- सामान्था जैकब्स (Samantha Jackson) का अभिनय (Abhinay): सामंथा जैकब्स ने अमंदा के किरदार में शानदार अभिनय किया है। उन्होंने एक परेशान मां की भावनाओं को बखूबी पर्दे पर उतारा है।
- मनोवैज्ञानिक थ्रिलर (Manovaigyanik Thriller): फिल्म एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर है जो दर्शकों को कौतूहल में बनाए रखती है। आखिर सच क्या है और क्या ख्याल, ये फिल्म देखते समय समझ पाना मुश्किल है।
- कोरियाई लोककथा (Koriyai Lok Katha): फिल्म कोरियाई लोककथा पर आधारित है जो कहानी में एक अलग आयाम जोड़ती है।
नकारात्मक पहलू (Nafratmak Pahalu - Negatives)
- धीमी गति (Dhimi गति - Slow Pace): फिल्म की गति थोड़ी धीमी है। शायद कुछ दर्शकों को ये फिल्म थोड़ी खींची हुई लग सकती है।
- कम डर (Kam Dar - Less Scary): हॉरर फिल्म होने के बावजूद ये फिल्म ज्यादा डरावनी नहीं है। फिल्म में जम्प स्केयर (छाया हुआ डर) का कम इस्तेमाल किया गया है।
अंतिम निर्णय (Antiim Nirnay - Final Verdict)
उम्मा एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्म है। फिल्म में सामंथा जैकब्स का अभिनय और कोरियाई लोककथा पर आधारित कहानी दर्शकों को अपनी ओर खींचती है। लेकिन फिल्म की धीमी गति और कम डरावनापन इसकी कमजोर कड़ी है।
अगर आप एक तेज रफ्तार वाली हॉरर फिल्म देखना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सही फिल्म नहीं हो सकती है। लेकिन, अगर आप एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर पसंद करते हैं और आपको धीमी गति वाली फिल्में पसंद हैं, तो आपको उम्मा पसंद आ सकती है।
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